Pre-Appointment Counselling

Opening Hours : Fri - Wed : 9.00 am - 1.00 pm,   Mon - Sat : 4.00 pm - 8.00 pm

Pre-Appointment Counselling for Low Vision Patients

  1. जैसा कि आपके अब तक के डाॅक्टर्स आपको बता चुके होंगे-
    • आपकी बीमारी नाइलाज है, वह बनी रहेगी।
    • नज़र का जो नुकसान हो चुका है, वह स्थायी है। जो नजर गई, उसे वापस लौटाकर नहीं ला सकते। हमें मन से यह स्वीकार करना होगा कि जो है अब यही है। डाॅक्टर-डाॅक्टर भटकना व्यर्थ है। यहाँ जाँच कराने से भी कोई चमत्कार नहीं होगा, बीमारी खत्म नहीं होगी।
  2. हम कोशिश करेंगे कि आपकी जैसी भी जितनी भी नजर है, उसका कैसे अधिकतम उपयोग कर आप जो भी कार्य करना चाह रहे हैं जैसे पढ़ना आदि वह अपने आप, आसानी से, बगैर किसी नुकसान के कर सकें। इसके लिये मैं आपको तरीके समझाऊंगी। जो भी विशेष चश्मे, उपकरण, आँखों की कसरत आदि की जरूरत होगी, वह बताऊँगी।
    इसके अलावा यदि आपको आँखों की कोई ऐसी बीमारी है, जिसके लिये कोई जाँच आवश्यक है या किसी दवाई, शल्य क्रिया वगैरह की जरूरत हैं, तो उसके बारे में मैं आपको मार्गदर्शन दे दूंगी। आगे का इलाज आप अपने डाॅक्टर से करवाते रह सकते हैं।
  3. अक्सर लोग मानते हैं कि जिनकी नजर कमजोर है, उनको नजर का कार्य नहीं करना चाहिए, अन्यथा उनकी नजर और अधिक खराब हो जाएगी। यह भ्रम है। नजर कोई बैंक बेलेन्स नहीं है कि जितना वापरा, उतना खत्म। बल्कि नजर कला की तरह है, जितना उपयोग करेंगे, उतनी ही मंजती चली जाएगी। अतः नजर का अधिक से अधिक उपयोग करने का मन बनाएं।
    कुछ लोग सोचते हैं कि आज हमारे पास जो धन है- नजर है- वह हम सम्हालकर रखें, उसे अधिक नहीं वापरना। यह सही सोच नहीं है क्योंकि कल क्या होगा किसे मालूम है ? बीमारी बढ़नी होगी तो आँख बंद करके बैठे रहेंगे तो भी बढ़ेगी यदि बीमारी नहीं बढ़नी होगी तो नजर का कितना ही उपयोग कर लें नजर पर कोई असर नहीं होगा । यदि चोरी हो जानी होगी, रोग आगे बढ़ने वाला होगा, तो बाद में पछताना कि हमने ही क्यों नहीं उपयोग कर लिया ।
    यदि धन हमारे पास ही बना रहना होगा, नजर ऐसी ही बनी रहेगी - तो क्यों न बेखौफ होकर नजर के सारे कार्य करना ?
    अतः नजर को संचित करने का प्रयास छोड़ उसका अधिक से अधिक आनंद उठा लें।
  4. आपकी आँखों में नजर सामान्य से कम है। अतः आप जो काम करना चाह रहे हैं, वह सामान्य चश्मे से नहीं हो पाएगा। इसीलिये, आपको यहाँ से चश्मे का नंबर करवाना है। यह जाँच सामान्य चश्मे की जाँच की तरह आसानी से और तुरंत नहीं हो पाएगी। इसके लिये आपको यहाँ कम से कम चार या अधिक बार (हर बार एक से डेढ़ घंटा) परीक्षण हेतु आना होगा।
  5. नजर कमजोर है, तो चश्मा भी थोड़ा अलग दिख सकता है या अन्य उपकरण आवश्यक हो सकता है, जो देखने में सामान्य चश्मे से अलग होगा।
  6. आप चाहेंगे कि आप सामान्य व्यक्ति जितना देख सकें, उसी की तरह देख व कार्य कर सके, परंतु यह संभव नहीं है। हो सकता है कि विशेष चश्मे से आपको काफी नजदीक से पढ़ना पड़े या आपके लिये उपयुक्त उपकरण सामान्य चश्मे से काफी अलग सा दिखे।
    ‘‘लोग क्या कहेंगे ?’’ इस सोच / ग्रंथि से उबरना होगा। जो लोग कुछ कहेंगे, वे, जब आपको अपने काम करने में परेशानी आती है, तब मदद करने नहीं आते। आपको अपना काम, जैसे पढ़ना, खुद ही करना है, जिसमें ये चश्मे / उपकरण आपकी मदद कर सकते हैं, तो आपको इनका उपयोग करना ही चाहिए। लोगों के कहने की परवाह करके यदि आप इनका उपयोग नहीं करेंगे, तो अपना ही नुकसान करेंगे। उनको तो दिखता है, आपको नहीं दिखता, आपके काम सही नहीं होंगे, कहने वालों को कोई नुकसान नहीं होना है।
    आपको इन चीजों का उपयोग करते देखने की लोगों को भी धीरे-धीरे आदत हो जाएगी। अतः लोगों की परवाह करने की बजाय आप अपना भला सोचें।
  7. नजर का उपयोग करने से, विशेष चश्मे / उपकरणों का प्रयोग करने से, नजदीक से पढ़ने-लिखने या अन्य कार्य करने से आपकी आँखों को कोई नुकसान नहीं होगा। आपकी नजर पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं होगा। जो नुकसान हुआ है, बीमारी के कारण हुआ है। बीमारी आपके शरीर में अभी भी है। भविष्य में यदि बीमारी बढ़ी, तो नुकसान बढ़ेगा, अन्यथा नहीं। कई बीमारियों का बढ़ना या न बढ़़ना आपके genes गुणसूत्रों पर आधारित होता है। यदि आपके genes में आगे नुकसान होना लिखा होगा, तो आप चाहे आँखे बंद करके भी बैठे रहेंगे, तब भी होगा। यदि genes में तकलीफ का बढ़ना नहीं लिखा होगा, तो आँखों से चाहे कितना ही काम ले लें, नजर का बारीक कार्य कर लें, बीमारी आगे नहीं बढ़ेगी। यह हमारे हाथ की बात ही नहीं है। अतः अपनी नजर का भरपूर उपयोग करें।
  8. इस जाँच के परिणाम का आधार कई बातों पर रहता है। जैसे, सीधे हाथ में तकलीफ होने पर हम बायें हाथ से खाना खा लेते हैं, वैसे ही नजर की तकलीफ से तालमेल बिठाने हेतु आपको अपने पढ़ने-लिखने-कार्य करने के तरीकों को बदलने की तैयारी रखनी होगी। जितनी मेहनत मैं करूंगी, उतनी ही, बल्कि उससे ज्यादा आपको करनी होगी।
    इंजेक्शन लगाया और दर्द गायब, ऐसा यहाँ नहीं होगा। मैं आपको तरीके बताऊँगी, उनका उपयोग तो आप ही को करना होगा। सलाह को अपनाने की मानसिक तैयारी, आदतों व तरीकों को बदलने की इच्छाशक्ति, अनुकूलन में थोड़ा वक्त भी लग सकता है - उतना धीरज, अभ्यास करने की नियमितता याने मरीज के सहयोग पर ही सफलता का आधार है।
    किसी भी नई चीज को अपनाने में, नए तरीके को आदत में लाने के लिये थोड़े अभ्यास की जरूरत होती है, व्यवहार में लाने में थोड़ा वक्त लगता है, शुरू में अटपटा व असुविधाजनक लग सकता है, पर धीरे-धीरे सब आसान आदत बन जाती है, बशर्ते आपको जैसा बताया गया है, वैसे कार्य करते रहें। जैसे मेरे द्वारा prescription पर्चा लिखने से कुछ नहीं होगा, जब तक कि आप दवाइयां नहीं लेंगे। वैसे ही यदि आप बताए गए तरीकों को अपनाने का प्रयत्न नहीं करेंगे, तो आपको कोई लाभ नहीं मिल पाएगा।
    मैं पूरी मेहनत करूँगी, किंतु सफलता का बहुत कुछ आधार आप पर ही है।
  9. जाँच करने से पहले परिणाम का अंदाजा या सफलता की कोई गारंटी नहीं दे सकते हैं। कभी किसी मरीज को देखकर लगता है कि आसान case है - सफलता मिलेगी ही और आखिरी दिन हाथ जोड़ लेने पड़ते हैं कि कोई मदद नहीं हो पाई। दूसरी तरफ ऐसे मरीज भी हैं, जिनको देखकर लगा था कि बाबा रे, ये तो gone case है- सफलता मुश्किल है - मना ही कर देना चाहिए और वह आखिरी तक फटाफट पढ़कर जाता है।
    नजर में कितना सुधार हो पाएगा, आप जो कार्य करना चाह रहे हैं, वह कर पाएंगे या नहीं, मदद कितनी हो पाएगी - आंशिक / पूरी तरह से, इन सारे प्रश्नों के उत्तर अंतिम (sitting) परीक्षण के दिन ही दे पाएंगे। उसी दिन बता पाएंगे कि आपको कितनी सफलता मिल सकती है, इसके लिये कौन-सा उपकरण, क्या power का, किस तरह की विशेषताओं (feature) वाला उपकरण (device)सबसे उपयुक्त रहेगा और उनकी कीमत क्या होगी, उसके लिये आपको कैसे सामंजस्य बिठाना होगा, कैसे आदत बदलनी होगी आदि।
  10. इस पूरे workout परीक्षण की fees जाँच का शुल्क रू. 4000/- मात्र (चार हजार रूपये) है, जो आपको पहले ही दिन पूरा जमा करना होगा। यह non-refundable है-वापस नहीं होगा। फीस देने से आपको सफलता की कोई गारंटी नहीं मिलती हैं । जाँच के बाद आने वाले परिणाम से फीस का कोई संबंध नहीं है। इन 4000/- रू. में किसी भी चश्मे या उपकरण की कीमत शामिल नहीं है।
  11. चश्मा / उपकरण आप यहीं से बनवायें, ऐसी सलाह है, पर यह जरूरी नहीं। चश्मा, उपकरण की कीमत अलग से देनी होगी। यह फीस में शामिल नहीं है।
  12. मैंने उपरोक्त सारे बिंदु पढ़ लिये हैं और पूरी तरह समझ लिये हैं तथा मुझे स्वीकार हैं।

  13. मैं स्वेच्छा से अपनी / अपने........................की आँखों की जाँच एवं उपचार यहां करवाना चाहता / चाहती हूं। यहां के बारे में मुझे.................................... ने बताया। आज / तत्पश्चात आँखों की या अन्य जांच करने या करवाने के लिये तथा आवश्यक दवाइयों का उपयोग करने की स्वीकृति देता / देती हूं।

    नाम................आयु............लिंग.......

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